पंचायतन याग
पंचायतन पूजा म्हणजे पाच देवांचा, पाच गुरूंचा, पाच थोर व्यक्तींचा किंवा पाच वस्तूंचा समुदाय आणि त्यांची पूजा होय. विभिन्न उपास्य देवांना मानीत असलेल्या उपासकांमध्ये असलेले द्वेष कमी करण्यासाठी आद्य शंकराचार्य यांनी समाजात जाणीवपूर्वक पंचायतन पूजेची सुरुवात केली. ह्या पद्धतीनुसार विष्णूपंचायतनात हरी (विष्णू), शिव, गणपती, तेज (भास्कर) आणि देवी (अंबा) ह्या पाच देवांचे पूजन होते. ह्या पाच देवतांतून उपासक ज्याला प्रधान मानीत असेल त्याला मुख्य स्थान देऊन आजूबाजूला दुसरे चार देव ठेवून पूजा करायची. याच्या परिणामी ‘गणेश पंचायतन‘, ‘शिव पंचायतन‘ वगैरे सुरू झाले. पंचायतन पूजापद्धतीने माणसांच्या श्रद्धा जपल्या गेल्या आणि समाजात असलेला विभिन्न संप्रदायांमधील राग द्वेषही कमी झाला.
सामग्री यादी : |
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गणपती | बेल पत्र 250 नग |
शंख | तुळस 03 जुडी |
घंटी | दुर्वा 10 जुडी |
हळद 100 ग्रॅम | फुलांचे हार 06 नग |
कुंकू 100 ग्रॅम | आंब्याचे डहाळे 05 नग |
गुलाल 50 ग्रॅम | फुलांचे तोरण 01 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | केळीचे खांब 08 नग |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | गजरे 05 नग |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | वेण्या 04 नग |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | विड्याची पाने 100 नग |
शतावरी 50 ग्रॅम | फळे 15 नग ( 03 संच ) |
सप्तमृत्तिका 25 ग्रॅम | केळी 12 नग |
रांगोळी 250 ग्रॅम | सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी, ) 250 ग्रॅम |
गोमुत्र 01 बाटली | समिधा 500 नग |
सुतगुंडी 02 नग | बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 04 किलो |
पंचरंगी धागा 02 नग | गोवर्या ( शेणी ) 15 नग |
अत्तर 02 बाटली | काळे तीळ 01 किलो |
जानवी जोड 07 जोड | शाकल्य 500 ग्रॅम |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | काळे उडीद 50 ग्रॅम |
धुप 50 ग्रॅम | होमपुडा 01 नग |
माचिस 01 नग | लाह्या 250 ग्रॅम |
कापुर 100 ग्रॅम | गाईचे तुप 02 किलो |
तेल वाती 01 नग | पायस ( तीन वाट्या तांदळाचा भात / दोन वाटी साखर / दोन वाटी दुध ) |
तुप वाती 01 नग | टोपली 01 नग |
तिळाचे तेल 01 लिटर | मध 01 बाटली |
गुलाब पाणी 01 बाटली | खाण्याचे रंग ( लाल, हिरवा, पिवळा, काळा ) प्रत्येकी 100 ग्रॅम |
गंगाजळ 01 बाटली | वरीचे तांदूळ 02 किलो |
अगरबत्ती 01 पुडा | बेलफळ 02 नग |
मोठ्या सुपार्या 250 नग | गव्हाचे पिठ ½ किलो |
बदाम 25 नग | दोन वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात |
खारिक 25 नग | रेती किंवा माती 01 किलो |
अक्रोड 25 नग | विटा 40 नग किंवा मोठ होमकुंड 01 नग |
हळकुंड 25 नग | चौरंग 04 नग |
खडीसाखर 50 ग्रॅम | पाट 05 नग |
सुके खोबरे 07 नग | आसने 15 नग |
गुळ 250 ग्रॅम | ताम्ह्न 05 नग |
पंचखाद्य 250 ग्रॅम | तांब्याचे तांबे 07 नग |
नारळ 12 नग | पळी 02 नग |
तांदुळ 06 किलो | भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग |
गहु 02 किलो | स्टिलची ताटे 04 नग |
पत्रावळी 10 नग | समई 02 नग |
द्रोण 50 नग | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
पंचे 05 नग | पंचामृत 01 वाटी |
धोतर पान 01 नग | गोमय ( गाईचे शेण ) पाव किलो |
सोवळे 01 नग | सुट्टे पैसे 100 नाणी |
साडी 01 नग | पातेल 01 नग |
ब्लाऊज पिस 08 नग | विष्णु / शंकर / गणपती / देवी / सूर्य ( सोन्याची किंवा चांदीची ) प्रत्येकी 01 नग |
विविध प्रकारची सुवासीक फुले 02 किलो | नवग्रह प्रतिमा 01 नग |
गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) 01 नग | मोदक 121 नग |
कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा | नैवेद्य पुरणपोळि / गोडाचा शिरा / चुरमा लाडु |
टिप :-
- होम विटांवर करायचा असल्यास विटांची आणि रेती किंवा माती व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा पॅकेज मध्ये गुरुजीन कडून होमकुंड पुरवले जाईल.
- जेवणाच्या नैवेद्याची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल.
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप , दूध २.५ लीटर ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
- मोदक १२१, नैवेद्य – पुरण पोळी / गोडाचा शीरा /चूरमा लाडू या पैकी १ पदार्थ यजमानानी करावा.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 6
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 15000/- |
ठाणे ते दादर | 21000/- |
पनवेल | 18000/- |
नवी मुंबई | 18000/- |
वेस्टर्न | 21000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 18000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 18000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 9000/- |