हनुमान याग
एखादी वास्तू बाधित असल्यास त्याच्या अशुभ स्पंदने, नकारात्मक ऊर्जा जाणवत असल्यास, शनीच्या साडेसतीचा दोष कमी करण्यासाठी, भाड्याचे घर असताना वास्तुदोष आहे व वास्तू बंधन करू शकत नसल्यास, वास्तूत सकारात्मता उर्जा निर्माण होण्यासाठी वास्तू चैतन्यासाठी हनुमान याग केला जातो. या यज्ञात पंचांग कर्म आणि भगवान हनुमानाची मूर्तीचे पूजन तसेच सर्व नऊ ग्रहांचे पूजन यांचा समावेश आहे.
प्रगति न होणे, वास्तूत विचित्र अनुभव येणे, आळस येणे, काम करण्याची इच्छा न होणे, प्रत्येक कामात अडचणी येणे, पैसा खर्च होणे, अचानक मृत्यू येणे, अपघात होणे या सर्व गोष्टींना सामोरे जावे लागते. म्हणून प्रगति होण्यासाठी, हनुमानाच्या कृपेसाठी हनुमान याग करतात. हा याग हनुमांजयंतीला पण करता येतो.
सामग्री यादी : |
|
गणपती | नारळ 12 नग |
शंख | तांदुळ 06 किलो |
घंटी | गहु 02 किलो |
हळद 100 ग्रॅम | पत्रावळी 10 नग |
कुंकू 100 ग्रॅम | द्रोण 50 नग |
गुलाल 50 ग्रॅम | पंचे 05 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | धोतर पान 01 नग |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | सोवळे 01 नग |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | साडी 01 नग |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | ब्लाऊज पिस 08 नग |
शतावरी 50 ग्रॅम | विविध प्रकारची सुवासीक फुले 02 किलो |
सप्तमृत्तिका 25 ग्रॅम | बेल पत्र 51 नग |
रांगोळी 250 ग्रॅम | तुळस 03 जुडी |
गोमुत्र 01 बाटली | दुर्वा 10 जुडी |
सुतगुंडी 02 नग | फुलांचे हार 06 नग |
पंचरंगी धागा 02 नग | आंब्याचे डहाळे 05 नग |
अत्तर 02 बाटली | फुलांचे तोरण 01 नग |
जानवी जोड 07 जोड | केळीचे खांब 08 नग |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | गजरे 05 नग |
धुप 50 ग्रॅम | वेण्या 04 नग |
माचिस 01 नग | विड्याची पाने 100 नग |
कापुर 100 ग्रॅम | फळे 15 नग ( 03 संच ) |
तेल वाती 01 नग | केळी 12 नग |
तुप वाती 01 नग | सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी, ) 250 ग्रॅम |
तिळाचे तेल 01 लिटर | समिधा 500 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 04 किलो |
गंगाजळ 01 बाटली | गोवर्या ( शेणी ) 15 नग |
अगरबत्ती 01 पुडा | काळे तीळ 03 किलो |
मोठ्या सुपार्या 250 नग | काळे उडीद 50 ग्रॅम |
बदाम 25 नग | होमपुडा 01 नग |
खारिक 25 नग | लाह्या 250 ग्रॅम |
अक्रोड 25 नग | गाईचे तुप 02 किलो |
हळकुंड 25 नग | टोपली 01 नग |
खडीसाखर 50 ग्रॅम | मध 01 बाटली |
सुके खोबरे 07 नग | खाण्याचे रंग ( लाल, हिरवा, पिवळा, काळा ) प्रत्येकी 100 ग्रॅम |
गुळ 250 ग्रॅम | वरीचे तांदूळ 02 किलो |
पंचखाद्य 250 ग्रॅम | बेलफळ 02 नग |
गव्हाचे पिठ ½ किलो | पळी 02 नग |
दोन वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात | भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग |
रेती किंवा माती 01 किलो | स्टिलची ताटे 04 नग |
विटा 40 नग किंवा मोठ होमकुंड 01 नग | समई 02 नग |
चौरंग 04 नग | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
पाट 05 नग | पंचामृत 01 वाटी |
आसने 15 नग | गोमय ( गाईचे शेण ) पाव किलो |
ताम्ह्न 05 नग | सुट्टे पैसे 100 नाणी |
तांब्याचे तांबे 07 नग | पातेल 01 नग |
दत्ताची प्रतिमा ( सोन्याची किंवा चांदीची ) 01 नग | कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा |
नवग्रह प्रतिमा 01 नग | नैवेद्य पेढे पाव किलो आणि गोडाचा शिरा |
गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) 01 नग |
टिप :-
- होम विटांवर करायचा असल्यास विटांची आणि रेती किंवा माती व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा पॅकेज मध्ये गुरुजीन कडून होमकुंड पुरवले जाईल.
- जेवणाचा नैवेद्य आणि घेवडा भाजीची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल.
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप , दूध २.५ लीटर ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 5
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 14000/- |
ठाणे ते दादर | 16000/- |
पनवेल | 16000/- |
नवी मुंबई | 16000/- |
वेस्टर्न | 21000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 15000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 15000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 9000/- |