गायत्री याग
हा जप केल्याने सूर्याची कृपा होते, मागील जन्माची पापे नष्ट होतात, पितृदोषातून मुक्ती होते, ज्ञान प्राप्त होते आणि दैवी गुण आणि जीवनात यश प्राप्त होते. मुख्य अंतर्दृष्टी: जीवनात विजय आणि यश मिळविण्यासाठी. पितृदोषापासून मुक्त होण्यास मदत होते.
गायत्री मंत्राचा जप केल्याने दुःख आणि दारिद्र्य नष्ट होते, संतती प्राप्त होते, असे सांगितले जाते. असे मानले जाते की गायत्री मंत्राचा जप केल्याने मन शांत आणि एकाग्र राहते. चेहऱ्यावर चमक येते. कोणत्याही कामात यश मिळवण्यासाठी गायत्री मंत्राचा जप केला जाऊ शकतो.
सामग्री यादी : |
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गणपती | अगरबत्ती 01 पुडा |
शंख | मोठ्या सुपार्या 250 नग |
घंटी | बदाम 25 नग |
हळद 100 ग्रॅम | खारिक 25 नग |
कुंकू 100 ग्रॅम | अक्रोड 25 नग |
गुलाल 50 ग्रॅम | हळकुंड 25 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | खडीसाखर 50 ग्रॅम |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | सुके खोबरे 07 नग |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | गुळ 250 ग्रॅम |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | पंचखाद्य 250 ग्रॅम |
शतावरी 50 ग्रॅम | नारळ 12 नग |
सप्तमृत्तिका 25 ग्रॅम | तांदुळ 06 किलो |
रांगोळी 250 ग्रॅम | गहु 02 किलो |
गोमुत्र 01 बाटली | पत्रावळी 10 नग |
सुतगुंडी 02 नग | द्रोण 50 नग |
पंचरंगी धागा 02 नग | पंचे 05 नग |
अत्तर 02 बाटली | धोतर पान 01 नग |
जानवी जोड 07 जोड | सोवळे 01 नग |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | साडी 01 नग |
धुप 50 ग्रॅम | ब्लाऊज पिस 08 नग |
माचिस 01 नग | विविध प्रकारची सुवासीक फुले 02 किलो |
कापुर 100 ग्रॅम | बेल पत्र 51 नग |
तेल वाती 01 नग | तुळस 03 जुडी |
तुप वाती 01 नग | दुर्वा 10 जुडी |
तिळाचे तेल 01 लिटर | फुलांचे हार 06 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | आंब्याचे डहाळे 05 नग |
गंगाजळ 01 बाटली | फुलांचे तोरण 01 नग |
केळीचे खांब 08 नग | ताम्ह्न 05 नग |
गजरे 05 नग | तांब्याचे तांबे 07 नग |
वेण्या 04 नग | पळी 02 नग |
विड्याची पाने 100 नग | भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग |
फळे 15 नग ( 03 संच ) | स्टिलची ताटे 04 नग |
केळी 12 नग | समई 02 नग |
सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी, ) 250 ग्रॅम | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
समिधा 500 नग | पंचामृत 01 वाटी |
बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 04 किलो | गोमय ( गाईचे शेण ) पाव किलो |
गोवर्या ( शेणी ) 15 नग | सुट्टे पैसे 100 नाणी |
काळे तीळ 250 ग्रॅम | पातेल 01 नग |
काळे उडीद 50 ग्रॅम | गायत्रीची प्रतिमा ( सोन्याची किंवा चांदीची ) 01 नग |
होमपुडा 01 नग | नवग्रह प्रतिमा 01 नग |
लाह्या 250 ग्रॅम | गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) 01 नग |
गाईचे तुप 02 किलो | कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा |
टोपली 01 नग | नैवेद्य पेढे पाव किलो आणि गोडाचा शिरा |
मध 01 बाटली | दोन वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात |
खाण्याचे रंग ( लाल, हिरवा, पिवळा, काळा ) प्रत्येकी 100 ग्रॅम | रेती किंवा माती 01 किलो |
वरीचे तांदूळ 02 किलो | विटा 40 नग किंवा मोठ होमकुंड 01 नग |
बेलफळ 02 नग | चौरंग 04 नग |
गव्हाचे पिठ ½ किलो | पाट 05 नग |
आसने 15 नग |
टिप :-
- होम विटांवर करायचा असल्यास विटांची आणि रेती किंवा माती व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा पॅकेज मध्ये गुरुजीन कडून होमकुंड पुरवले जाईल.
- जेवणाच्या नैवेद्याची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल.
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 4
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 12000/- |
ठाणे ते दादर | 15000/- |
पनवेल | 12000/- |
नवी मुंबई | 12000/- |
वेस्टर्न | 16000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 15000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 15000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 9000/- |