सोळा सोमवार उद्यापन पूजा
सोमवार हा दिवस भगवान शिवाच्या उपासनेसाठी अतिशय शुभ मानला जातो, असे म्हटले जाते की भगवान शिव या दिवशी भक्तांवर विशेष कृपा करतात ज्यामुळे भक्तांच्या भौतिक समस्या कमी होतात आणि त्यांच्या इच्छा पूर्ण होतात.
या व्रतामध्ये 16 सोमवारी “सोळा सोमवार व्रत कथा” वाचन केले जाते. क्रमाने 16 सोमवार उपवास व्रत आणि पूजा केल्यानंतर, हे व्रत पूर्ण होते.
या व्रताचे २ सामान्य फायदे आहेत. तद्वतच हे व्रत श्रावण महिन्याच्या पहिल्या सोमवारपासून सुरू करणे चांगले किंवा पर्यायाने कोणत्याही महिन्याच्या सोमवारपासून सुरू करता येते.
सामग्री यादी : |
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गणपती | अगरबत्ती 01 पुडा |
शंख | मोठ्या सुपार्या 180 नग |
घंटी | बदाम 15 नग |
हळद 50 ग्रॅम | खारिक 15 नग |
कुंकू 50 ग्रॅम | अक्रोड 15 नग |
गुलाल 50 ग्रॅम | हळकुंड 15 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | खडीसाखर 20 ग्रॅम |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | सुके खोबरे 05 नग |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | गुळ 250 ग्रॅम |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | पंचखाद्य 50 ग्रॅम |
शतावरी 10 ग्रॅम | नारळ 12 नग |
सप्तमृत्तिका 10 ग्रॅम | तांदुळ 05 किलो |
रांगोळी 250 ग्रॅम | गहु 02 किलो |
गोमुत्र 01 बाटली | पत्रावळी 05 नग |
सुतगुंडी 01 नग | द्रोण 25 नग |
पंचरंगी धागा 01 नग | पंचे 04 नग |
अत्तर 01 बाटली | धोतर पान 01 नग |
जानवी जोड 05 जोड | ब्लाऊज पिस 05 नग |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | विविध प्रकारची सुवासीक फुले 01 किलो |
धुप 50 ग्रॅम | बेल पत्र 1121 नग |
माचिस 01 नग | तुळस 01 जुडी |
कापुर 50 ग्रॅम | दुर्वा 02 जुडी |
तेल वाती 01 नग | फुलांचे हार 03 नग |
तुप वाती 01 नग | आंब्याचे डहाळे 05 नग |
तिळाचे तेल 01 लिटर | फुलांचे तोरण 01 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | केळीचे खांब 04 नग |
गंगाजळ 01 बाटली | गजरे 04 नग |
वेण्या 03 नग | भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग |
विड्याची पाने 50 नग | स्टिलची ताटे 04 नग |
फळे 15 नग ( 03 संच ) | समई 02 नग |
केळी 06 नग | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी, ) प्रत्येकी 250 ग्रॅम | पंचामृत 01 वाटी |
समिधा 400 नग | सुट्टे पैसे 50 नाणी |
बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 04 किलो | पातेल 01 नग |
गोवर्या ( शेणी ) 10 नग | नवग्रह प्रतिमा |
काळे तीळ 250 ग्रॅम | गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) |
काळे उडीद 50 ग्रॅम | कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा शिव |
होमपुडा 01 नग | नैवेद्य चुरमा लाडु |
गाईचे तुप 01 किलो | रेती किंवा माती 01 किलो |
टोपली 01 नग | विटा 30 नग किंवा मोठ होमकुंड 01 नग |
मध 01 बाटली | चौरंग 04 नग |
खाण्याचे रंग ( लाल, हिरवा, पिवळा, काळा ) प्रत्येकी 50 ग्रॅम | पाट 06 नग |
वरीचे तांदूळ 02 किलो | आसने 06 नग |
बेलफळ 05 नग | ताम्ह्न 05 नग |
गव्हाचे पिठ 500 ग्रॅम | तांब्याचे तांबे 05 नग |
तिन वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात | पळी 02 नग |
टिप :-
- होम विटांवर करायचा असल्यास विटांची आणि रेती किंवा माती व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा पॅकेज मध्ये गुरुजीन कडून होमकुंड पुरवले जाईल.
- जेवणाच्या नैवेद्याची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेलरक्षोघ्न होम
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 8
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 8000/- |
ठाणे ते दादर | 10000/- |
पनवेल | 10000/- |
नवी मुंबई | 10000/- |
वेस्टर्न | 12000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 12000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 12000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 3000/- |