सत्यनारायण पूजेसह मंगळागौर उद्यापन
हे व्रत नवविवाहित स्त्रिया पहिली ५ वर्षे श्रावणातील प्रत्येक मंगळवारी करतात. साधारणपणे हिंदू स्त्रिया (अविवाहित किंवा विवाहित) दोघेही भगवान शिव आणि देवी पार्वतीला प्रसन्न करण्यासाठी या दिवशी उपवास करतात. भगवान शिवासारखा प्रेमळ आणि काळजी घेणारा नवरा मिळावा म्हणून केवळ विवाहित महिलाच नाही तर तरुण मुलीही हे व्रत करतात.
भगवान विष्णूचा आशीर्वाद मिळावा म्हणून शेवटी सत्यनारायण पूजा केली जाते.
देवी पार्वतीला शक्तीचे महत्त्व आणि आनंदी वैवाहिक जीवनाची मूर्ती मानली जाते, जीवनात समानता प्राप्त करण्यासाठी विवाहित आणि अविवाहित महिला हे व्रत करते.
सामग्री यादी : |
|
गणपती | हळकुंड 15 नग |
शंख | खडीसाखर 20 ग्रॅम |
घंटी | सुके खोबरे 05 नग |
हळद 50 ग्रॅम | गुळ 250 ग्रॅम |
कुंकू 50 ग्रॅम | पंचखाद्य 50 ग्रॅम |
गुलाल 50 ग्रॅम | नारळ 12 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | हळद आणि गवाच्या पिठाचे अलंकार |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | तांदुळ 05 किलो |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | गहु 02 किलो |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | पत्रावळी 05 नग |
शतावरी 10 ग्रॅम | द्रोण 25 नग |
सप्तमृत्तिका 10 ग्रॅम | पंचे 04 नग |
रांगोळी 250 ग्रॅम | धोतर पान 01 नग |
गोमुत्र 01 बाटली | साडी 01 नग |
सुतगुंडी 01 नग | सौभाग्य वायन 01 नग |
पंचरंगी धागा 01 नग | ब्लाऊज पिस 05 नग |
अत्तर 01 बाटली | विविध प्रकारची सुवासीक फुले 01 किलो |
जानवी जोड 05 जोड | बेल पत्र 25 नग |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | तुळस 01 जुडी |
धुप 50 ग्रॅम | दुर्वा 02 जुडी |
माचिस 01 नग | फुलांचे हार 03 नग |
कापुर 50 ग्रॅम | सर्व प्रकारची पत्री 02 जुडी |
तेल वाती 01 नग | आंब्याचे डहाळे 05 नग |
तुप वाती 01 नग | फुलांचे तोरण 01 नग |
तिळाचे तेल 01 लिटर | केळीचे खांब 08 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | गजरे 04 नग |
गंगाजळ 01 बाटली | वेण्या 03 नग |
अगरबत्ती 01 पुडा | विड्याची पाने 50 नग |
मोठ्या सुपार्या 180 नग | फळे 15 नग ( 03 संच ) |
बदाम 15 नग | केळी 06 नग |
खारिक 15 नग | सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी, ) प्रत्येकी 250 ग्रॅम |
अक्रोड 15 नग | समिधा 400 नग |
बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 04 किलो | नैवेद्य पुरणपोळि / पुरण / गोडाचा शिरा |
गोवर्या ( शेणी ) 10 नग | तांब्याचे तांबे 05 नग |
काळे तीळ 250 ग्रॅम | पळी 02 नग |
काळे उडीद 50 ग्रॅम | भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग |
होमपुडा 01 नग | स्टिलची ताटे 04 नग |
गाईचे तुप 01 किलो | समई 02 नग |
टोपली 01 नग | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
मध 01 बाटली | पंचामृत 01 वाटी |
खाण्याचे रंग ( लाल, हिरवा, पिवळा, काळा ) प्रत्येकी 50 ग्रॅम | सुट्टे पैसे 50 नाणी |
वरीचे तांदूळ 02 किलो | पातेल 01 नग |
बेलफळ 05 नग | चांदीचा नाग 01 नग |
गव्हाचे पिठ 500 ग्रॅम | नवग्रह प्रतिमा |
तिन वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात | गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) |
रेती किंवा माती 01 किलो | कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा अन्नपूर्णा / गणपती / बालकृष्ण |
विटा 30 नग किंवा मोठ होमकुंड 01 नग | पाट 06 नग |
चौरंग 04 नग | आसने 06 नग |
ताम्ह्न 05 नग |
टिप :-
- होम विटांवर करायचा असल्यास विटांची आणि रेती किंवा माती व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा पॅकेज मध्ये गुरुजीन कडून होमकुंड पुरवले जाईल.
- जेवणाच्या नैवेद्याची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेलरक्षोघ्न होम
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 3
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 7500/- |
ठाणे ते दादर | 9000/- |
पनवेल | 9000/- |
नवी मुंबई | 9000/- |
वेस्टर्न | 9000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 9000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 9000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 2500/- |