भक्तों को गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण निर्देशों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको ऑनलाइन मूर्ति स्थापित करते समय किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

पुर्व तैयारी
  • हल्दी, कुंकुम, अष्टगंध, चंदन पाउडर, पंचरंगी धागा, इत्र, जानेऊ जोड़, सूती कपड़ा, सूखा नारियल, गुड़, पंच खाद्य (पंच मेवा) सभी सामग्री को अलग-अलग बर्तन या कटोरी में रखें।
  • एक थाली में 10 विडा(पान के) पत्ते, पैसा, सुपारी, हल्दी, कुंकु, बादाम, खारिक, आक्रोड रखकर पांच विडा तैयार करें।
  • 5 फल लें और उन्हें 5 पत्तों पर अलग-अलग रखें।
  • 2 विडा(पान) के पत्ते पर 2 नारियल रखें।
  • समई में बाती रखें और उसमें तिल का तेल मिलाकर भगवान के मखर बनाने वाले स्थान पर दोनों तरफ रख दें।
  • निरंजन में एक फूलबाती रखकर घी डालें और भगवान के मखर के पास रखें।
  • तांबे के लोटे में आधा लोटा जल भरें, उसमें पैसा, सुपारी, दूर्वा, फूल रखें. आम की शाखा (डाली) रखें और कलश पर नारियल (शेंडी ऊपर की ओर) रखें और उस कलश पर गंध का स्वस्तिक बनाकर तैयार रखें।
  • एक तांबे की प्लेट (ताम्हण) में चावल रखें.
  • गणपति की मूर्ति के लिए लाए गए फूल, दूर्वा, बेल, तुलसी और दूर्वा कंठी, हार को एक थाली में रखें।
  • गणपति पर चढ़ाए जाने वाले आभूषणों को एक थाली में रखे।
  • आधा कटोरी पंचामृत या दूध, दही, घी, शहद, चीनी अलग से तैयार रखें।
  • एक थाली में माचिस की तीली, कपूर, भगवान के वस्त्र, ब्लाउज का टुकड़ा रखें।
  • जिस स्थान पर गणपति की मूर्ति स्थापित की जा रही है यानी मखर के चारों ओर रंगोली निकाल कर रखें।
  • पूजा स्थल पर प्रसाद मोदक या पेढ़ा रखना।
  • ताम्हण या थाली में आरती के लीये निरंजन और कपूर आरती की लीये दूसरा निरंजनतयार करके रखे।
  • ये सारी तैयारी अच्छे से करकेरखनाताकि हमारे गणपति बप्पा की स्थापना शास्त्रोक्त तरीके से की जा सके।

ये सारी तैयारी अच्छे से करके रखना ताकि हमारे गणपति बप्पा की स्थापना शास्त्रोक्त तरीके से की जा सके।

मूर्ति स्थापना क्रिया 

1) सबसे पहले जिस स्थान पर हम मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं उस स्थान पर अपना तैयार किया हुआ उपर्णा (कपड़ा) अच्छी तरह से रख दें. उस पर चावल का स्वस्तिक बनाएं और स्वस्तिक पर थोड़ी सी हल्दी और कुंकु डालें|

2) उस स्वस्तिक पर गणेश जी की मूर्ति को ठीक से रखें|

3) गणपति के बगल में यानी दाहिनी ओर चावल से बना तम्हण (तांबे की प्लेट) रखें और तम्हण के बीच में जो कलश हमने बनाया है उसे रखें।

4) गणपति की मूर्ति के पास तैयार की गई 5विडा (पान का पत्ता) यांनी के: पैसा, सुपारी, बादाम, खारिक, अक्रोडराख दे। विडा रखते समय विडा का तना भगवान के तराफ होना चाहिए।

5) 5 फलउन पांच विडे पर रखें|

6) गणपति के बगल थोड़े से चावल (आसन के रूप में) डालकर घर की गणेश जी की मूर्ति या सुपारीरखे|

7) गणपति के बायीं ओर शंख और दायीं ओर घंटी रखें|

8) अपना स्थान ग्रहण करें और भगवान के सामने बैठें।

9) 1 तांबे का लोटा जल से भरकर अपने सामने रखें. कटोरे को अपनी दाहिनी ओर रखें।

10) हल्दी, कुंकु की तैयार थाली और फूलों की थाली अपने दाहिनी ओर रखें|

11) आभूषण की थाली के साथ-साथ नैवेद्य की थाली को अपनी बाईं ओर रखें।

12) अपने लोटे के पास पंचामृत रखें|

13) सबसे पहले भगवानके पास समई, निरांजन (दिया), सुगंधी अगरबत्ती लगाकर रखे और पूजे की शुरूआत करे|

टिप :-
  • ऑनलाइन गणेश पूजा के लिए दक्षिणा की बाध्यता नहीं है।
  • गणेश उत्सव के चलते गणेश प्रतिमा स्थापना के लिए सभी गुरुजियों की बुकिंग पूरी हो चुकी है। इसलिए नये गुरुजी की बुकिंग बंद है।
  • लेकिन हम आपके लिए गणेश चतुर्थी को मराठी और हिंदी भाषा में ऑनलाइन गणेश मूर्ति स्थापना पूजा लेकर आ रहे हैं।
    किसी भी प्रकार के रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है। 19 सितंबर को सुबह 4.00 बजे, 6.00 बजे, 8.00 बजे, 10.00 बजे और दोपहार 12.00 बजे हमारे गुरुजी हमारे यूट्यूब चैनल ALL IN ONE GURUJI पर लाइव आएंगे और हम सभी से गणेश पूजा कराके लेंगे।
  • नीचे दिए गए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। जब हम लाइव होंगे तो आपको उसका notification मिलेगा।

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