अनंत चतुर्दशी व्रत उद्यापन
अनंत चतुर्दशी गणेश चतुर्थीच्या 10 व्या दिवशी येते. गणेश उत्सवाचा हा शेवटचा दिवस आहे. या दिवशी भगवान विष्णूची त्यांच्या “अनंत” म्हणजे अनंत रूपासाठी देखील पूजा केली जाते. या व्रतामध्ये हे व्रत करणारी स्त्री किंवा पुरुष त्यांच्या हातावर काळा धागा बांधतात ज्याला “अनंत राखी” असेही म्हणतात. हातावर बांधलेला धागा मंत्रोच्चारांनी चालतो आणि त्यात 14 गाठी असतात. सामान्यतः स्त्रिया हा धागा डाव्या हाताला बांधतात आणि पुरुष हा धागा उजव्या हाताला बांधतात.
जो कोणी अनंत चतुर्दशी व्रत करतो त्याला आरोग्य, संपत्ती आणि समृद्धी मिळते तसेच सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करण्याची क्षमता देखील वाढते.
सामग्री यादी : |
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गणपती | हळकुंड 15 नग |
शंख | खडीसाखर 20 ग्रॅम |
घंटी | सुके खोबरे 05 नग |
हळद 50 ग्रॅम | गुळ 250 ग्रॅम |
कुंकू 50 ग्रॅम | पंचखाद्य 50 ग्रॅम |
गुलाल 50 ग्रॅम | नारळ 12 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | तांदुळ 05 किलो |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | गहु 02 किलो |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | पत्रावळी 05 नग |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | द्रोण 25 नग |
शतावरी 10 ग्रॅम | पंचे 04 नग |
सप्तमृत्तिका 10 ग्रॅम | धोतर पान 01 नग |
रांगोळी 250 ग्रॅम | साडी 01 नग |
गोमुत्र 01 बाटली | ब्लाऊज पिस 05 नग |
सुतगुंडी 01 नग | विविध प्रकारची सुवासीक फुले 01 किलो |
पंचरंगी धागा 01 नग | बेल पत्र 25 नग |
अत्तर 01 बाटली | तुळस 01 जुडी |
जानवी जोड 05 जोड | दुर्वा 02 जुडी |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | उफाललेल्या दुर्वा 05 जुडी |
धुप 50 ग्रॅम | गाईचे दुध ½ लीटर |
माचिस 01 नग | फुलांचे हार 03 नग |
कापुर 50 ग्रॅम | सर्व प्रकारची पत्री 02 जुडी |
तेल वाती 01 नग | आंब्याचे डहाळे 05 नग |
तुप वाती 01 नग | फुलांचे तोरण 01 नग |
तिळाचे तेल 01 लिटर | केळीचे खांब 04 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | गजरे 04 नग |
गंगाजळ 01 बाटली | वेण्या 03 नग |
अगरबत्ती 01 पुडा | विड्याची पाने 50 नग |
मोठ्या सुपार्या 180 नग | फळे 15 नग ( 03 संच ) |
बदाम 15 नग | केळी 06 नग |
खारिक 15 नग | सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी, ) प्रत्येकी 250 ग्रॅम |
अक्रोड 15 नग | समिधा 400 नग |
बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 04 किलो | नैवेद्यपुरणपोळि / पुरण / 108 मोदक |
गोवर्या ( शेणी ) 10 नग | पाट 06 नग |
काळे तीळ 250 ग्रॅम | आसने 06 नग |
काळे उडीद 50 ग्रॅम | ताम्ह्न 05 नग |
होमपुडा 01 नग | तांब्याचे तांबे 05 नग |
गाईचे तुप 01 किलो | पळी 02 नग |
टोपली 01 नग | भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग |
मध 01 बाटली | स्टिलची ताटे 04 नग |
खाण्याचे रंग ( लाल, हिरवा, पिवळा, काळा ) प्रत्येकी 50 ग्रॅम | समई 02 नग |
वरीचे तांदूळ 02 किलो | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
बेलफळ 05 नग | पंचामृत 01 वाटी |
गव्हाचे पिठ 500 ग्रॅम | सुट्टे पैसे 50 नाणी |
तिन वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात | पातेल 01 नग |
रेती किंवा माती 01 किलो | दर्भ शेष नाग 1 नग |
विटा 30 नग किंवा मोठ होमकुंड 01 नग | नवग्रह प्रतिमा |
चौरंग 04 नग | गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) |
कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा गणपतीचा फोटो |
टिप :-
- होम विटांवर करायचा असल्यास विटांची आणि रेती किंवा माती व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा पॅकेज मध्ये गुरुजीन कडून होमकुंड पुरवले जाईल.
- जेवणाच्या नैवेद्याची व्यवस्था यजमानांना करावी
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
- 11, 21, 51, 111 मोदक ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 3
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 6000/- |
ठाणे ते दादर | 8000/- |
पनवेल | 8000/- |
नवी मुंबई | 8000/- |
वेस्टर्न | 10000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 8000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 8000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 2500/- |