गुरुपूजन
वेद, उपनिषद आणि पुराणांची पूजा करणारे वेद व्यासजी हे सर्व मानवजातीचे गुरु मानले जातात. महर्षी वेद व्यास यांचा जन्म आषाढ पौर्णिमेला सुमारे ३००० ईसापूर्व झाला. त्यांच्या सन्मानार्थ दरवर्षी आषाढ शुक्ल पौर्णिमेला गुरुपौर्णिमा साजरी केली जाते.
गुरु हा खरा मार्गदर्शक आहे. आपल्या जीवनात गुरूचे खूप महत्त्व आहे. माणसासाठी गुरू हा देवापेक्षा जास्त मानला जातो कारण देव आपल्याला जीवन देतो. आणि गुरू आपल्याला शिक्षण देऊन हे जीवन व्यवस्थित जगायला शिकवतात.
सामग्री यादी : |
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गणपती | हळकुंड 05 नग |
शंख | खडीसाखर 20 ग्रॅम |
घंटी | सुके खोबरे 02 नग |
हळद 25 ग्रॅम | गुळ 250 ग्रॅम |
कुंकू 25 ग्रॅम | पंचखाद्य 50 ग्रॅम |
गुलाल 25 ग्रॅम | नारळ 04 नग |
अभिर 25 ग्रॅम | तांदुळ 02 किलो |
अष्टगंध 25 ग्रॅम | द्रोण 25 नग |
चंदन पावडर 25 ग्रॅम | पंचे 01 नग |
रांगोळी 250 ग्रॅम | ब्लाऊज पिस 02 नग |
गोमुत्र 01 बाटली | विविध प्रकारची सुवासीक फुले ½ किलो |
सुतगुंडी 01 नग | बेल पत्र 20 नग |
पंचरंगी धागा 01 नग | तुळस 01 जुडी |
अत्तर 01 बाटली | दुर्वा 02 जुडी |
जानवी जोड 02 जोड | फुलांचे हार 01 नग |
धुप 50 ग्रॅम | आंब्याचे डहाळे 02 नग |
माचिस 01 नग | गजरे 02 नग |
कापुर 20 ग्रॅम | वेण्या 01 नग |
तेल वाती 01 नग | विड्याची पाने 40 नग |
तुप वाती 01 नग | फळे 05 नग ( 01 संच ) |
तिळाचे तेल ½ लिटर | केळी 06 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | गाईचे तुप 100 ग्रॅम |
गंगाजळ 01 बाटली | मध 01 बाटली |
अगरबत्ती 01 पुडा | चौरंग 01 नग |
मोठ्या सुपार्या 20 नग | पाट 01 नग |
बदाम 05 नग | आसने 03 नग |
खारिक 05 नग | ताम्ह्न 03 नग |
अक्रोड 05 नग | तांब्याचे तांबे 02 नग |
पळी 01 नग | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
भांडे ( पंचपात्री ) 01 नग | पंचामृत 01 वाटी |
स्टिलची ताटे 02 नग | नैवेद्य पेढे पाव किलो |
समई 01 नग |
टिप :-
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप ही व्यवस्था यजमानाने करावी.