
गौरी पूजन गणेशोत्सव
गौरी पूजन म्हणजे देवी पार्वती किंवा गौरीची पूजा करणे. गौरी पूजन दरवर्षी गणेश चतुर्थीच्या चौथ्या किंवा पाचव्या दिवशी होते. या दिवशी देवीचे आवाहन केले जाते. त्याच्या प्रतिष्ठेचा सन्मान केला जातो. दुसऱ्या दिवशी मातेची मुख्य पूजा होते आणि तिसऱ्या दिवशी देवीचा निरोप घेतला जातो.
गौरी पूजन सामान्यतः आनंद आणि समृद्धीसाठी केले जाते. देवीला प्रसन्न केल्याने घरात सुख-समृद्धी येते आणि संपत्ती वाढते. त्यामुळे पती-पत्नीमधील संबंध सुधारतात. याशिवाय वैवाहिक जीवनातील अडथळे दूर होतात, तुम्हाला इच्छित आणि योग्य जीवनसाथी मिळतो.
सामग्री यादी : |
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गणपती | हळकुंड 05 नग |
शंख | खडीसाखर 20 ग्रॅम |
घंटी | सुके खोबरे 02 नग |
हळद 25 ग्रॅम | गुळ 250 ग्रॅम |
कुंकू 25 ग्रॅम | पंचखाद्य 50 ग्रॅम |
गुलाल 25 ग्रॅम | नारळ 04 नग |
अभिर 25 ग्रॅम | तांदुळ 02 किलो |
अष्टगंध 25 ग्रॅम | द्रोण 25 नग |
चंदन पावडर 25 ग्रॅम | पंचे 01 नग |
रांगोळी 250 ग्रॅम | ब्लाऊज पिस 02 नग |
गोमुत्र 01 बाटली | विविध प्रकारची सुवासीक फुले ½ किलो |
सुतगुंडी 01 नग | बेल पत्र 20 नग |
पंचरंगी धागा 01 नग | तुळस 01 जुडी |
अत्तर 01 बाटली | दुर्वा 02 जुडी |
जानवी जोड 02 जोड | फुलांचे हार 01 नग |
धुप 50 ग्रॅम | आंब्याचे डहाळे 02 नग |
माचिस 01 नग | गजरे 02 नग |
कापुर 20 ग्रॅम | वेण्या 01 नग |
तेल वाती 01 नग | विड्याची पाने 40 नग |
तुप वाती 01 नग | फळे 05 नग ( 01 संच ) |
तिळाचे तेल ½ लिटर | केळी 06 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | गाईचे तुप 100 ग्रॅम |
गंगाजळ 01 बाटली | मध 01 बाटली |
अगरबत्ती 01 पुडा | चौरंग 01 नग |
मोठ्या सुपार्या 20 नग | पाट 01 नग |
बदाम 05 नग | आसने 03 नग |
खारिक 05 नग | ताम्ह्न 03 नग |
अक्रोड 05 नग | तांब्याचे तांबे 02 नग |
पळी 01 नग | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
भांडे ( पंचपात्री ) 01 नग | पंचामृत 01 वाटी |
स्टिलची ताटे 02 नग | नैवेद्य पेढे पाव किलो |
समई 01 नग |
टिप :-
वरील सामुग्रीची संपुर्ण व्यवस्था यजमानाने करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 1
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 1500/- |
ठाणे ते दादर | 2100/- |
पनवेल | 2100/- |
नवी मुंबई | 2100/- |
वेस्टर्न | 2100/- |
टिटवाळा ते कसारा | 2100/- |
बदलापूर ते कर्जत | 2100/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 750/- |
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