
महामृत्युंजय जप 11000
दरवर्षी आषाढ महिन्यातील पौर्णिमेनंतर श्रावण महिना सुरू होतो. या संपूर्ण महिन्यात भगवान शंकराची पूजा आणि मंत्रजपाचे विशेष महत्त्व मानले जाते. भगवान शंकराचे अनेक चमत्कारिक मंत्र शास्त्रात सांगण्यात आले आहेत. यातील एक महामृत्युंजय मंत्र आहे.
महामृत्युंजय मंत्राचा जप केवळ विशेष परिस्थितीत केला जातो. भगवान शिवाच्या महामृत्युंजय मंत्राचा जप अकाली मृत्यू, महारोग, धनहानी, घरातील संकट, ग्रह बाधा, ग्रहदुःख, शिक्षेचे भय, संपत्तीचा वाद, सर्व पापांपासून मुक्ती अशा परिस्थितीत केला जातो. या सर्व समस्यांपासून मुक्ती मिळवण्यासाठी महामृत्युंजय मंत्राचा जप केला जातो.
सामग्री यादी : |
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गणपती | बदाम 10 नग |
शंख | खारिक 10 नग |
घंटी | अक्रोड 10 नग |
हळद 50 ग्रॅम | हळकुंड 10 नग |
कुंकू 50 ग्रॅम | खडीसाखर 100 ग्रॅम |
गुलाल 50 ग्रॅम | सुके खोबरे 05 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | गुळ 100 ग्रॅम |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | पंचखाद्य 200 ग्रॅम |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | नारळ 08 नग |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | तांदुळ 05 किलो |
शतावरी 50 ग्रॅम | गहु 02 किलो |
रांगोळी 500 ग्रॅम | पत्रावळी 05 नग |
गोमुत्र 01 बाटली | द्रोण 25 नग |
सुतगुंडी 01 नग | पंचे 05 नग |
पंचरंगी धागा 01 नग | धोतर पान 01 नग |
अत्तर 01 बाटली | ब्लाऊज पिस 05 नग |
जानवी जोड 06 जोड | विविध प्रकारची सुवासीक फुले ½ किलो |
धुप 50 ग्रॅम | बेल पत्र 20 नग |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | तुळस 01 जुडी |
माचिस 01 नग | दुर्वा 02 जुडी |
कापुर 50 ग्रॅम | फुलांचे हार 02 नग |
तेल वाती 01 नग | आंब्याचे डहाळे 05 नग |
तुप वाती 01 नग | फुलांचे तोरण 01 नग |
तिळाचे तेल ½ लिटर | गजरे 03 नग |
गुलाब पाणी 01 बाटली | वेण्या 02 नग |
गंगाजळ 01 बाटली | विड्याची पाने 50 नग |
अगरबत्ती 01 पुडा | फळे 25 नग ( 05 संच ) |
मोठ्या सुपार्या 180 नग | केळी 06 नग |
सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी ) प्रत्येकी 250 ग्रॅम | गोमय ( गाईचे शेण ) 10 ग्रॅम |
समिधा 500 नग | सुट्टे पैसे 75 नाणी |
बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 05 किलो | पातेल 01 नग |
गोवर्या ( शेणी ) 15 नग | नवग्रह प्रतिमा |
काळे तीळ 02 किलो | कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा |
काळे उडीद 50 ग्रॅम | गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) |
होमपुडा 01 नग | नैवेद्य पेढे पाव किलो |
गाईचे तुप 02 किलो | आसने 06 नग |
टोपली 01 नग | ताम्ह्न 03 नग |
मध 01 बाटली | तांब्याचे तांबे 04 नग |
खाण्याचे रंग ( लाल, हिरवा, पिवळा, काळा ) प्रत्येकी 10 ग्रॅम | पळी 02 नग |
वरीचे तांदूळ 02 किलो | भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग |
बेल फळ 02 नग | स्टिलची ताटे 03 नग |
गव्हाचे पिठ½ किलो | समई 02 नग |
चार वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात | निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग |
रेती किंवा माती 03 किलो | पंचामृत 01 वाटी |
विटा 20 नग किंवा मोठ होमकुंड | पाट 05 नग |
चौरंग 03 नग |
टिप :-
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
- जेवणाच्या नैवेद्याची व्यवस्था यजमानांनी करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 5
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 15000/- |
ठाणे ते दादर | 15000/- |
पनवेल | 15000/- |
नवी मुंबई | 15000/- |
वेस्टर्न | 15000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 15000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 15000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 1100/- |
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