ग्रहण योग शांती
कुंडलीमध्ये (जन्म तक्ता) रवी आणि राहू ग्रहण योग आणण्यासाठी जबाबदार आहेत. अशा योगामध्ये ही विधी करणे महत्त्वाचे आहे..
रवि आणि राहूचा नकारात्मक प्रभाव नष्ट करण्यासाठी ही विधी करणे महत्त्वाचे आहे. हे योग्य स्थितीत बसलेल्या कमकुवत ग्रहांना शक्ती प्रदान करतात आणि तुम्हाला आरोग्य, यश आणि समृद्धी मिळविण्यात मदत करतात. तसेच विवाह, समृद्धी, शिक्षण आणि प्रगतीच्या मार्गातील अडथळे दूर होतात.
सामग्री यादी : |
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गणपती | तिळाचे तेल 100 ग्रॅम |
शंख | गुलाब पाणी 01 बाटली |
घंटी | गंगाजळ 01 बाटली |
हळद 50 ग्रॅम | अगरबत्ती 01 पुडा |
कुंकू 50 ग्रॅम | मोठ्या सुपार्या 200 नग |
गुलाल 50 ग्रॅम | बदाम 25 नग |
अभिर 50 ग्रॅम | खारिक 25 नग |
अष्टगंध 50 ग्रॅम | अक्रोड 25 नग |
चंदन पावडर 50 ग्रॅम | हळकुंड 25 नग |
पिवळी मोहरी 50 ग्रॅम | खडीसाखर 100 ग्रॅम |
शतावरी 50 ग्रॅम | सुके खोबरे 07 नग |
सप्तमृत्तिका 10 ग्रॅम | गुळ 100 ग्रॅम |
रांगोळी 250 ग्रॅम | पंचखाद्य 200 ग्रॅम |
गोमुत्र 01 बाटली | नारळ 10 नग |
सुतगुंडी 01 नग | तांदुळ 05 किलो |
पंचरंगी धागा 01 नग | गहु 02 किलो |
अत्तर 01 बाटली | पत्रावळी 10 नग |
जानवी जोड 10 जोड | द्रोण 25 नग |
गुग्गुळ 50 ग्रॅम | पंचे 02 नग |
धुप 25 ग्रॅम | धोतर पान 01 नग |
माचिस 01 नग | सोवळे 01 नग |
कापुर 100 ग्रॅम | साडी 01 नग |
तेल वाती 01 नग | ब्लाऊज पिस 06 नग |
तुप वाती 01 नग | विविध प्रकारची सुवासीक फुले 01 किलो |
रेती किंवा माती 01 किलो | बेल पत्र 51 नग |
विटा 12 नग किंवा मध्यम होमकुंड 01 नग | तुळस 01 जुडी |
चौरंग 03 नग | दुर्वा 02 जुडी |
पाट 03 नग | फुलांचे हार 02 नग |
आसने 05 नग | आंब्याचे डहाळे 10 नग |
ताम्ह्न 10 नग | गजरे 05 नग |
तांब्याचे तांबे 10 नग | वेण्या 02 नग |
पळी 02 नग | विड्याची पाने 50 नग |
भांडे ( पंचपात्री ) 02 नग | फळे 10 नग |
स्टिलची ताटे 02 नग | केळी 12 नग |
सुप 01 नग | सप्तधान्य ( तुर, मुग, चणा, वाटाणा, मसुर, उडीद, ज्वारी, ) 250 ग्रॅम |
समई 02 नग | समिधा 500 नग |
निरांजन ( तेलाचे व तुपाचे ) प्रत्येकी 01 नग | बंब खोड ( इंधन / लाकडे ) 03 किलो |
पंचामृत 01 वाटी | गोवर्या ( शेणी ) 15 नग |
सुट्टे पैसे 50 नाणी | काळे तीळ 250 ग्रॅम |
पातेल 01 नग | काळे उडीद 100 ग्रॅम |
पेढे पाव किलो | होमपुडा 02 नग |
नवग्रह प्रतिमा 01 नग | गाईचे तुप 01 किलो |
गाईची प्रतिमा ( चांदीची गाय ) 01 नग | टोपली 01 नग |
कर्मानुसार मुख्यदेवता प्रतिमा | मध 01 बाटली |
यव ( जव ) 250 ग्रॅम | वरीचे तांदूळ 02 किलो |
एक वाटी तांदुळचा शिजवलेला भात | गव्हाचे पिठ ½ किलो |
टिप :-
- होम विटांवर करायचा असल्यास विटांची आणि रेती किंवा माती व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा पॅकेज मध्ये गुरुजीन कडून होमकुंड पुरवले जाईल.
- चौरंग, पाट, आसने, ताम्ह्न, तांब्याचे तांबे, पळी, भांडे ( पंचपात्री ), स्टिलची ताटे, वाटी चमचे, पातेल, इत्यादि वस्तूंची व्यवस्था यजमानांना करावी लागेल अन्यथा गुरुजीन कडून भाडे तत्वावर पुरवले जाईल.
- घरातील देव, फोटो, गोडाचा शीरा किवा पेढ़े, समई, निरांजन, तेल, तूप ही व्यवस्था यजमानाने करावी.
ठिकाण आणि दक्षिणा:
गुरुजी संख्या – 2
ठिकाण | दक्षिणा |
डोंबिवली | 6000/- |
ठाणे ते दादर | 6000/- |
पनवेल | 6000/- |
नवी मुंबई | 6000/- |
वेस्टर्न | 6000/- |
टिटवाळा ते कसारा | 6000/- |
बदलापूर ते कर्जत | 6000/- |
सामग्री (गुरुजींच्या दक्षिणे व्यतिरिक्त) | 2100/- |